सरकारी संगठनों से सहायता प्राप्त एक प्रशिक्षित युवा नेतृत्वकर्ता की देखरेख में कुछ समर्पित युवाओं के एक समूह ने महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले में चमत्कृत करने वाले उल्लेखनीय कार्य किए हैं। जमीनी स्तर पर काम करने वाले जनजातीय समूह के युवाओं को औषधीय गुण वाले पौधे गिलोय की आपूर्ति के लिए 1.57 करोड रुपए का आर्डर प्राप्त होने में सफलता मिली। जिन औषधि निर्माताओं से इन्हें आर्डर प्राप्त हुए हैं उनमें डाबर, वैद्यनाथ और हिमालय जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल है।
ठाणे के शाहपुर स्थित आदिवासी एकात्मिक सामाजिक संस्था युवाओं का एक ऐसा संगठन है जो क्षेत्र के जनजातीय समुदाय की समस्याओं को दूर करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहता है। जिस औषधीय पौधे गिलोय के लिए इन युवाओं को आर्डर प्राप्त हुए हैं उसे आयुर्वेद में गुडुची कहा जाता है और इसका उपयोग वायरल बुखार और मलेरिया तथा शुगर जैसी बीमारियों के उपचार में औषधि के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग पाउडर, सत अथवा क्रीम के रूप में किया जाता है।
0 comments:
Post a Comment