अहमदनगर शहर से लगभग 20 किमी की दूरी पर, भोयारे खुर्द एक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित गांव है। सूखाग्रस्त क्षेत्र होने के कारण बहुत सारे ग्रामीण रोजगार की तलाश में मुंबई और अन्य बड़े शहरों में पलायन कर गए हैं। हालांकि, राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद अधिकांश श्रमिक अपने पैतृक गांव वापस आ गए हैं।
शुरुआती चरण में जब गांव में 3 से 4 कोविड-19 मामलों का पता चला तो ग्राम पंचायत और स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमित रोगियों वाले परिवारों के लिए एंटीजन किट से परीक्षण करना शुरू कर दिया। संदिग्धों और कोरोना के लक्षण वाले व्यक्तियों को तुरंत क्वारंटाइन (अलग) कर दिया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने अपने गांव को कोरोना मुक्त रखने के लिए कुछ पहल की शुरुआत की जिसके तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार आशा एवं आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के सहयोग से गांव के सभी परिवारों की समय-समय पर जांच की गयी ।
गांव के इलाज में शामिल डॉ. सविता कुटे ने बताया कि अगर बुखार, खांसी या थकान जैसे लक्षण देखे गए, तो ऐसे लोगों को तुरंत एंटीजन परीक्षण किया गया और उन्हें आइसोलेशन में रखा गया। इसके साथ ही गांव के मंदिरों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया जहां हर सुबह और शाम को कोविड के उचित व्यवहार के बारे में संदेश देने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाता था। ग्रामीणों को इस बीमारी के बारे में बताया गया और मौजूदा महामारी की स्थिति में अपना और अपने परिवार की देखभाल कैसे की जाए, इसके बारे में जानकारी दी गई।
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