तकलीफों
का समंदर आयी, संग अपने
मौत का सामान लायी।
हमने
ताली बजाया, थाली बजाया,
सामाजिक
दूरी बनाया, मोमबत्ती जलायी।
फिर
भी उसने तरस न
खायी।।
कोविड
आयी, कोविड आयी, कोविड आयी।
तकलीफों
का समंदर आयी, संग अपने
मौत का सामान लायी।।
जगह
नहीं है अस्पतालों में,
रो रहें हैं लोग वार्तालापों
में।
कि बच न पायी
दर्शन कि बेटी।
ये कैसी विपदा आयी।।
कोविड
आयी, कोविड आयी, कोविड आयी।
तकलीफों
का समंदर आयी, संग अपने
मौत का सामान लायी।।
चारों
ओर हाहाकार है,
शमशान
में लाशों का अंबार है।
ढूंढ
रहीं है एतवरिया कि
आँखे,
कल से उनका पति
बीमार है।।
खबर
मिली कि नहीं रहें
वो,
तब से बैठी नैन
पसार है।
वो भी मर गयी
ढूंढ न पायी,
जिनका
उन्हें इंतजार है।।
कोविड
आयी, कोविड आयी, कोविड आयी।
तकलीफों
का समंदर आयी, संग अपने
मौत का सामान लायी।।
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