फ्रंटियर्स इन इंटरकनेक्टेड इंटेलिजेंट सिस्टम्स एंड डिवाइसेस (एफआईआईएसडी) पर आयोजित एक प्रारंभिक वेबिनार में शामिल गणमान्य लोगों ने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे भौतिक, डिजिटल और साइबर प्रौद्योगिकियों का अभिसरण (उनका एकरूपता की तरफ बढ़ना) और एकीकरण ज्ञान तक पहुंच और उसका लोकतंत्रीकरण कर रहा है और सामाजिक व तकनीकी क्रांति के रूप में सामने आ रहा है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों, विशेष तौर पर साइबर-फिजिकल सिस्टम, आईओटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और साइबर सुरक्षा जैसी अग्रिम मोर्चे की प्रौद्योगिकियों को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। द फ्रंटियर्स इन इंटरकनेक्टेड इंटेलिजेंट सिस्टम्स एंड डिवाइसेज कॉन्फ्रेंस की योजना राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ ज्ञान के आदान-प्रदान के जरिए इन प्रयासों को समृद्ध करने के लिए बनाई गई है और यह ऐसी कई प्रौद्योगिकियों के विभिन्न पक्षों पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया एक शुरुआती कार्यक्रम था।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के सारस्वत ने कहा कि मोबाइल इंटरनेट, स्मार्टफोन तक सबकी पहुंच (लोकतंत्रीकरण), तकनीकी की लागत में आ रही गिरावट, अभिसरण, मशीन से मशीन के बीच संचार और प्रौद्योगिकियों के विलय (फ्यूजन) के चलते सभी उद्योगों में तकनीकी और सामाजिक क्रांति चल रही है। इस महामारी ने हमें दिखाया है कि तकनीक कैसे हमारी मदद कर सकती है और हमें भविष्य के लिए भी सोचने के लिए भी मजबूर किया है।
Source-pib.gov.in (रिलीज़ आईडी: 1660926)
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