केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज संडे संवाद के छठे एपिसोड में सोशल मीडिया के अनेक जिज्ञासु संवादकर्ताओं के सवालों का जवाब दिया और सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स को प्रधानमंत्री के जन-आंदोलन के आह्वान का सम्मान करने और कोविड अनुकूल व्यवहार का त्योहारों के दौरान पालन करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने सभी से यह प्रार्थना दोहराई कि वे त्योहारों को पारंपरिक तरीके से घर पर अपने प्रियजनों के साथ ही मनाएं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ‘‘इस त्योहारी सीजन में उत्सव के बजाय दान को वरीयता दी जाए और अधिक भीड़भाड़ वाले स्थलों पर जाने के बजाय अपने प्रियजनों के साथ त्योहार घर पर ही मनाएं। उन्होंने कहा कि विश्व भर में कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों और अन्य कोरोना योद्धाओं पर कोरोना का जो असर पड़ रहा है उससे मेरा त्योहार मनाने का उत्साह कम हो जाएगा।’’
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश में इस समय कोविड-19 अंतरनासा वैक्सीन परीक्षण नहीं चल रहा है और नियामक मंजूरी की प्राप्ति के बाद आगामी महीनों में देश में सीरम इंडिया और भारत बायोटेक ऐसी वैक्सीनों का चिकित्सकीय परीक्षण कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश में तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया है और इनकी संख्या 30,000 से 40,000 हो सकती है। यह भी संभव है किसी खास शहर अथवा अस्पताल में किसी समय सैकड़ों प्रतिभागियों का चयन कर लिया जाए लेकिन कुल मिलाकर तीसरे चरण में वैक्सीन सहभागियों की संख्या बहुत अधिक है। कोविड-19 से निपटने के लिए दवाओं के प्रतिकूल दुष्प्रभावों और ऐसे मामलों की निगरानी के विशेष अभियान के बारे में डॉ. हर्षवर्धन ने स्पष्ट किया कि यह अभियान किसी मौजूदा औषधि के प्रतिकूल दुष्प्रभावों के बारे में नहीं है बल्कि यह कोविड-19 की तैयारियों से संबंधित कार्यक्रम की रणनीति का एक सक्रिय हिस्सा है।
डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि कोरोना महामारी के दौरान उनका मंत्रालय ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में पीछे नहीं है और एमबीबीएस छात्रों के लिए देश के मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में ऑनलाइन क्लासें चल रही हैं जिन्हें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने मंजूरी दी है। इसके अलावा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी कोविड-19 के मद्देनजर पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों की पेशेवर ट्रेनिंग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। उन्होंने एक सवालकर्ता को यह कहकर आश्वस्त किया कि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि कोरोना वायरस समाचार पत्रों के जरिए फैलता है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों को कोरोना वायरस महामारी के दौरान पढ़ना पूरी तरह सुरक्षित है।
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