साझेदारी का उददेश्य दोनों संस्थाओं की विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए नवीन तकनीकी उपायों का सह-निर्माण करना है। यह ज्ञान और सहयोगी गतिविधियों के आदान-प्रदान के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा। इसके प्रमुख तत्व हैं — i)औद्योगिक और परिवहन क्षेत्रों में शुद्ध कार्बन फुटप्रिंट को कम करना। ii) प्राकृतिक गैस की लक्ष्य क्षमता को समझना और जैव-ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना। iii) निगरानी के जरिए वास्तविक कणों को कम करने के लिए स्वच्छ हवा प्रौद्योगिकियों को अपनाना। iv) हाइड्रोजन, कार्बन कैप्चर उपयोग और क्षेत्रीय ऊर्जा दक्षता के लिए भंडारण के जरिए नेक्स्ट जनरेशन तकनीकों को अपनाना। v) जलवायु परिवर्तन वित्त को वितरित करने और अपनाने के लिए वित्तीय रूपरेखा।
नीदरलैंड यूरोप के साथ व्यापार करने के लिए देश के केंद्र के रूप में उभरने के लिए भारत के साथ अपने व्यापार संबंधों को तेज करने का इच्छुक है। दोनों देश एक-दूसरे के पूरक हैं और एक साथ काम करके भविष्य को आकार देने और विशेषकर सामाजिक ऊर्जा और जलवायु क्षेत्रों में सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए नए समाधान खोजने के लिए बलों को जोड़ सकते हैं।
Source-pib.gov.in (रिलीज़ आईडी: 1660310)
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