प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कल पात्र उधारकर्ताओं को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत सभी शिशु ऋण खातों पर 12 माह की अवधि के लिए 2% की ब्याज सब्सिडी देने की योजना को मंजूरी दे दी। यह योजना उन ऋणों के लिए मान्य होगी जो इन मानदंडों को पूरा करते हैं - 31 मार्च, 2020 को बकाया थे; और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों के अनुसार 31 मार्च 2020 को तथा योजना की परिचालन अवधि के दौरान गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) श्रेणी में नहीं थे।
ब्याज सब्सिडी उन महीनों के लिए देय होगी, जिनमें खाते एनपीए की श्रेणी में नहीं आते हैं। इनमें वे महीने भी शामिल है, जिनमें खाते एनपीए बनने के बाद फिर से निष्पादित परिसंपत्ति बन जाते हैं। यह योजना लोगों को प्रोत्साहित करेगी जो ऋणों की नियमित अदायगी करेंगे। योजना की अनुमानित लागत लगभग 1,542 करोड़ रुपये होगी जो भारत सरकार द्वारा मुहैया कराई जाएगी।
यह योजना एमएसएमई से संबंधित कई उपायों में से एक उपाय को लागू करने के लिए है, जिनकी घोषणा ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत की गई है। पीएमएमवाई के तहत आय सृजन गतिविधियों के लिए दिए जाने वाले 50,000 रुपये तक के ऋणों को ‘शिशु ऋण’ कहा जाता है। पीएमएमवाई ऋण दरअसल सदस्य उधारदाता संस्थानों जैसे कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और मुद्रा लिमिटेड में पंजीकृत माइक्रो फाइनेंस संस्थानों द्वारा दिए जाते हैं।
Source-pib.gov.in (रिलीज़ आईडी: 1633947)
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