भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 31(1) के तहत आउटोटेक ओयज द्वारा मेत्सो ओयज के खनिज व्यवसाय का अधिग्रहण किए जाने को मंजूरी दे दी। प्रस्तावित संयोजन आउटोटेक द्वारा मेत्सो के खनिज व्यवसाय (‘मेत्सो मिनरल्स’) का अधिग्रहण किए जाने से संबंधित है। मेत्सो की इस तरह की सभी परिसंपत्तियों, राइट्स, ऋणों और देनदारियों, जो मुख्य रूप से उसके खनिज व्यवसाय (जिनमें खनन, एग्रीगेट्स, खनिज उपभोग्य वस्तुएं, खनिज सेवाएं, पंप और पुनर्चक्रण व्यवसाय शामिल हैं) से संबंधित हैं, का अधिग्रहण आउटोटेक द्वारा किया जाएगा (‘प्रस्तावित संयोजन’)।
प्रस्तावित संयोजन फिनिश कंपनी अधिनियम के अनुरूप मेत्सो मिनरल्स के आंशिक अलगाव के माध्यम से संभव होगा। आउटोटेक को मेत्सो मिनरल्स के हस्तांतरण के बदले में मेत्सो के शेयरधारकों को आउटोटेक में नए निर्गमित शेयर प्राप्त होंगे और उनके पास ही नई इकाई के ज्यादातर शेयर (लगभग 78%) होंगे। शेष शेयर आउटोटेक के शेयरधारकों के पास होंगे। संयुक्त इकाई मेत्सो आउटोटेक के नाम से संचालित की जाएगी। मेत्सो के शेष व्यवसाय अर्थात मेत्सो के फ्लो कंट्रोल व्यवसाय (मुख्यत: प्रोसेस इंडस्ट्री के लिए वाल्व) का स्वतंत्र अस्तित्त्व ‘नेल्स’ के नाम से आगे भी बरकरार रहेगा।
Source-pib.gov.in (रिलीज़ आईडी: 1632412)
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