उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कल प्रदेशों/केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों/ उप राज्यपालों से कहा कि वे अध्यात्मिक और धार्मिक गुरुओं से आग्रह करें कि वे अपने अनुयायियों को भीड़-भाड़ वाले सामुदायिक धार्मिक आयोजन करने से रोकें तथा कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सामुदायिक व्यवहार में परस्पर दूरी बनाए रखें।
डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हुई हिंसा को अक्षम्य बताते हुए, ऐसी हिंसा की कड़ी निन्दा की। उन्होंने कहा कि यह देश के हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह उन डॉक्टरों की रक्षा करे, जो व्यक्तिगत खतरा मोल लेकर भी जन सेवा में लगे हैं।
कोराना महामारी को सम्पूर्ण मानवता के लिए चुनौती बताते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यापक सामुदायिक सामाजिक प्रतिकार की आवश्यकता है।
सामाजिक दूरी तथा घरों में सीमित रहने को कोराना संक्रमण की रोकथाम का एकमात्र उपाय बताते हुए उपराष्ट्रपति ने राज्यपालों/ उप राज्यपालों से सभी धार्मिक गुरुओं से संपर्क करने की सलाह दी जो अपने अनुयायियों को सरकार द्वारा सामाजिक दूरी बनाने के निर्देशों से अवगत कराएं।
उपराष्ट्रपति ने फंसे हुए विस्थापित मजदूरों, लोगों को रोजमर्रा के जरूरी सामानों तथा दवाओं की आपूर्ति के विषय में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा यद्यपि सरकार विस्थापित मजदूरों की कठिनाई को कम से कम करने का हर संभव प्रयास कर रही है तथापि यह समाज का भी दायित्व है कि उनको भोजन और आश्रय का प्रबंध करे।
उन्होंने जनता द्वारा पूर्ण बंदी के उद्देश्यों को समर्थन देने तथा उसका पालन करने के लिए, नागरिकों की सराहना की। उन्होंने नागरिकों से सोशल डिस्टेंसिंग का अक्षरशः पालन करने की अपील की। नागरिकों से माननीय राष्ट्रपति तथा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सलाह का पालन करने का आग्रह करते हुए, उन्होंने डॉक्टरों तथा वैज्ञानिकों से स्वास्थ्य मंत्रालय तथा आईसीएमआर द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी।
विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लगभग 35 राज्यपालों, उप राज्यपालों और प्रशासकों द्वारा अपने राज्यों में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों के विषय में विचार-विमर्श किया गया।
Source-pib.gov.in (रिलीज़ आईडी: 1610724)
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