राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने इस बात की पुष्टि करते हुए कि देश के लोगों ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अनुकरणीय साहस, अनुशासन और एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, दो घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है जिससे कारण इन प्रयासों को झटका लगा है, पहला आनंद विहार में प्रवासी श्रमिकों का जमावड़ा और दूसरा निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात का आयोजन है, दोनों ही मामले दिल्ली के हैं।
राष्ट्रपति ने उपराष्ट्रपति, श्री एमं वेंकैया नायडू के साथ कल राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के राज्यपालों, उपराज्यपालों और प्रशासकों के साथ एक वीडियो-कॉन्फ्रेंस की और भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा कोविड-19 के प्रकोप से निपटने के लिए की जा रही कार्यवाही में योगदान देने के तरीकों पर चर्चा की। राष्ट्रपति ने इस बात को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कोई भी भूखा न रहे।
इस संकट के दौरान बेघर, बेरोजगार और समाज के कमजोर वर्गों के लिए उत्पन्न हो रही समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हमें उनकी आवश्यकताओं के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनना पड़ेगा। उन्होंने सम्मेलन के अन्य प्रतिभागियों को आमंत्रित किया कि वे यह सुनिश्चित करने के तरीकों और साधनों के बारे में विचार करें जिससे कि कोई भूखा न रहे। इस बात को स्वीकार करते हुए कि यह एक बहुत बड़ी चुनौती है, उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सभी राज्यपाल केंद्र और राज्य स्तर पर किए जा रहे प्रयासों में योगदान देंगें और समाज के सभी वर्गों को इसमें शामिल करेंगे।
अपने राज्यों के पहलों के बारे में जिन अन्य राज्यपालों द्वारा जानकारी प्रदान की गई, उनमें गोवा के राज्यपाल, श्री सत्यपाल मलिक, ओडिशा के राज्यपाल, प्रो. गणेश लाल, पुडुचेरी की उपराज्यपाल, डॉ. किरण बेदी, झारखंड की राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, असम के राज्यपाल, जगदीश मुखी, मिज़ोरम के राज्यपाल, श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई, मणिपुर की राज्यपाल, डॉ. नजमा हेपतुल्ला, मेघालय के राज्यपाल, श्री तथागत रॉय, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल, ब्रिगेडियर डॉ. बीडी मिश्रा (सेवानिवृत्त), सिक्किम के राज्यपाल, श्री गंगा प्रसाद, त्रिपुरा के राज्यपाल, श्री रमेश बैस, नागालैंड के राज्यपाल, श्री आरएन रवि, लक्षद्वीप के प्रशासक, श्री दिनेश्वर शर्मा और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के प्रशासक श्री प्रफुल्ल पटेल शामिल हैं। इसके अलावा, तमिलनाडु के राज्यपाल, श्री बनवारीलाल पुरोहित, महाराष्ट्र के राज्यपाल, श्री भगत सिंह कोश्यारी, केरल के राज्यपाल, श्री आरिफ मोहम्मद खान और दिल्ली के उपराज्यपाल, श्री अनिल बैजल जिन्होंने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को 27 मार्च के सम्मेलन में जानकारी प्रदान की थी, उन्होंने आज भी अपने राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के बारे में नवीनतम जानकारी प्रदान की।
सम्मेलन के उपसंहार में, राष्ट्रपति ने राज्यपालों/ उपराज्यपालों और प्रशासकों द्वारा उनके व्यावहारिक विचारों और लोगों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए अपने ध्यान को जमीनी स्तर पर बनाए रखने के लिए सराहना की। उन्होंने गंभीर जोखिम के साथ लोगों की सेवा करने और अनुकरणीय साहस और दृढ़ विश्वास को प्रदर्शित करने के लिए डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशंसा की। राष्ट्रपति ने एक बार फिर दोहराया कि आवश्यकता पड़ने पर वे और उपराष्ट्रपति हमेशा परामर्श के लिए उपलब्ध रहेंगे।
Source-pib.gov.in (रिलीज़ आईडी: 1610808)
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