उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने युवाओं को बदलाव का वाहक बनने और अशिक्षा, आर्थिक असमानता और जाति, पंथ या लिंग के आधार पर सामाजिक भेदभाव जैसी चुनौतियों को दूर करने का नेतृत्व करने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने देश के सभी शोध संस्थानों को कृषि को लाभदायक और टिकाऊ बनाने पर ध्यान केंद्रित करने और यथार्थवादी, किफायती और कुशल समाधानों के साथ आगे आने को कहा है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों को किसानों के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा ताकि किसानों के जीवन स्तर में सुधार के लिए नए समाधान विकसित किए जा सकें।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पचास प्रतिशत आबादी वाली महिलाओं को राष्ट्र की विकासात्मक प्रक्रिया में बराबर का भागीदार बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को शिक्षित करना महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में पहला कदम है।
इस कार्यक्रम में छात्रों और निकाय सदस्यों के साथ ही तमिलनाडु के मत्स्य पालन, कार्मिक और प्रशासनिक सुधार मंत्री श्री डी. जय कुमार, आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. भास्कर राममूर्ति और आईआईटी मद्रास के डीन (छात्र) प्रो. एम. एस. शिवकुमार भी मौजूद थे।
Source-pib.gov.in (रिलीज़ आईडी: 1604773)
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