केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का केन्द्रीय बजट पेश किया।
केन्द्रीय बजट 2020-21 की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-
बजट के तीन प्रमुख घटक -
· महत्वाकांक्षी भारत - भारत जिसमें समाज के सभी वर्गों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा की पहुंच और रोजगार के बेहतर अवसर हो, ताकि उनके जीवन का स्तर अच्छा हो सके।
· सभी के लिए आर्थिक विकास - 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' ।
· जिम्मेदार समाज - मानवीय और सहृदय, अन्त्योदय, आस्था का आधार।
- तीन बड़े विषयों को एक साथ लाया जाना-
- भ्रष्टचार मुक्त, नीति निर्देशित और सक्षम शासन।
- साफ-सुथरा और मजबूत वित्तीय क्षेत्र।
केन्द्रीय बजट में जीवन सुगमता को तीन प्रमुख विषयों के रूप में रेखांकित किया गया हैं
- कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास
- आरोग्य, जल और स्वच्छता
- शिक्षा और कौशल
कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास के लिए 16 सूत्री कार्य योजना
· निम्नलिखित 16 सूत्री कार्य योजना के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का आबंटन
· कृषि, सिंचाई और संबंधित गतिविधियों के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये।
· ग्रामीण विकास और पंचायती राज केलिए 1.23 लाख करोड़ रुपये।
· कृषि, सिंचाई और संबंधित गतिविधियों के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये।
· ग्रामीण विकास और पंचायती राज केलिए 1.23 लाख करोड़ रुपये।
कृषि ऋण –
- 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय।
- पीएम-किसान लाभार्थियों को केसीसी योजना के तहत लाने का प्रस्ताव।
- नाबार्ड की पुनर्वित्त योजना को और विस्तार देना।
· जल संकट से जूझ रहे 100 जिलों के लिए वृहद उपायों का प्रस्तावों
नीली अर्थव्यवस्था
- 2024-25 तक मत्स्य निर्यात को एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना।
- 2022-23 तक देश में 200 लाख टन मत्स्य उत्पाद का लक्ष्य।
- 3,477 मित्रों और 500 मत्स्य पालन कृषक संगठनों द्वारा युवाओं को मत्स्य पालन क्षेत्र से जोड़ना।
- शैवालों और समुद्री खरपतवारों की खेती तथा केज कल्चर को प्रोत्साहित करना।
- समुद्री मत्स्य संसाधनों के विकास प्रबंधन और संरक्षण के लिए फ्रेमवर्क तेयार करना।
सीमा शुल्क
- सीमा शुल्क को फुटवियर पर 25% से बढ़ाकर 35% करने और फर्निचर वस्तुओं पर 20% से बढ़ाकर 25% करने का प्रावधान।
- न्यूज प्रिंट और हल्के कोटेड पेपर के आयात पर बुनियादी आयात शुल्क को 10% से घटाकर 5% किया गया।
- इलेक्ट्रिक वाहन और मोबाइल के पुर्जों पर सीमा शुल्क की दरों में संशोधन।
- चिकित्सा उपकरणों के आयात पर 5% स्वास्थ्य उपकर जो बीसीडी से छूट से अतिरिक्त होगा।
- फ्यूज, रसायन और प्लास्टिक जैसे कच्चे माल पर सीमा शुल्क में कटौती।
- वाहनों के कलपूर्जे, रसायन आदि कुछ वस्तुएं जिनका घरेलू उत्पादन भी होता है, पर सीमा शुल्क में वृद्धि।
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